जयपुर. गुलाबी शहर के नाम से प्रसिद्ध जयपुर में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के जनजातीय कारीगरों ने अपनी कारीगरी की धाक जमा ली. जयपुरवासी हाथ से बने सामान, जैसे बांस के बने आभूषणों, वंदनवार, मोबाइल एंपलीफायर, टेबल ऑर्गनाइजर, लालटेन, मेज और कार तिरंगा आदि के दीवाने हो गए. अवसर था सेवा भारती द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेवा संगम.
पिंक सिटी के स्नेह से अभिभूत कारीगर
इंग्लैंड की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में सम्मानित हिंदुस्थान की पहली महिला बैंबू शिल्पी मीनाक्षी मुकेश वालके ने कहा कि वे जयपुरवासियों के स्नेह से अभिभूत हैं. समय के साथ लुप्त होती बांस की बुनाई कला को यहां बेहद सम्मान मिला है. हाथ से बने बैंबू के आभूषणों व बांस की राखियों की भारी मांग रही. बांस की राखी को यूरोप एक्सपोर्ट कर चुकीं मीनाक्षी वालके ने उत्साहपूर्वक कहा कि पिंक सिटी कला और कलाकार दोनों का सम्मान करती है.